ये बिन मौसम आंसुओ की किसी बरसात हे।
आँखो के समंदर भी सोख गए हे।
मेरी रूह मुझे से दुर जा रही हे।
कोई रोको उसे।
कमबख्त को भी उसके घर का पता जानती हे।
💓😆💝💔💕